Pyar ki love story kahani | प्यार मोहब्बत की कहानी हिंदी में - यह कहानी मेरे दोस्त की एक सच्ची घटना पर आधारित है। जिसका नाम अनुभव है जिसने एक सच्चे प्यार का अहसास किया और उसने मेरे साथ शेयर करने के लिए मुझसे आग्रह किया।
तो दोस्तो कहानी इस प्रकार है अनुभव और हम बचपन से साथ-साथ रहते थे अनुभव थोड़ा सरल स्वभाव और तेज दिमाग रखने वाला लड़का था।और मै हमेशा से नटखट और शैतान स्वभाव का था मै और अनुभव एक ही क्लास में पढ़ते थे।
हम एक दूसरे से अपने दिल की सारी बाते शेयर किया करते थे, बचपन में साथ-साथ खेलना कभी किसी के बाग से अमरूद चोरी करना ये सारी शैतानिया करता था। धीरे धीरे हम जब बड़े हुये।
तो हमारे बीच में अमीरी-गरीबी की बजह से अनुभव एक अच्छे स्कूल में पढ़ने लगा। जो गांव से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर था।और में वही एक सरकारी जूनियर सेकेंडरी स्कूल में। लेकिन हम दोनों के बीच हमारे मन की दूरिया नहीं बढ़ी।
अब आगे की कहानी अनुभव की जुबानी-राम से बिछङने के बाद अब मै रोजाना स्कूल टाइम से जाता था और धीरे-धीरे मेरा मन पढ़ाई में लगने लगा ! मेरा सरल स्वभाव होने के कारण सभी अध्यापक मुझे ज्यादा पसंद करते थे !
और मै पढने में भी अब्बल दर्जे का छात्र था इसी वजह से मै वर्ष की अंतिम परीक्षा में भी अच्छे नबरों से पास हुआ। जब इसकी चर्चा हमारे गांव में हुई तो मेरे पड़ोस के अंकल जिनका पूरा नाम अभय शर्मा है उन्होने भी अपनी बेटी जो मेरे साथ की थी।
उसका नाम रिया (काल्पनिक नाम) था। उसी स्कूल मै पढने की बात मेरे पापा से की तो मेरे पापा ने मेरे साथ ही उसका एडमिसन अगले साल मेरे स्कूल में ही करा दिया। उस साल हम क्लास 5 मै थे उसके पापा उसे स्कूल छोडने जाया करते थे क्योकि वह साइकिल चलाना नहीं जानती थी !
पहले उम्र छोटी होने की वजह से मैने कभी भी उसे प्यार वाली नजर से नहीं देखा था ! लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढती गयी, मुझे उसे देखकर एक अलग सा अहसास होने लगा अब जब भी वो मेरी तरफ देखती तो मुझे उसे देखते रहना अच्छा लगता।
उसका दिल शायद मुझसे प्यार करने लगा था क्योकि वो भी मुझे जब कभी देखती तो उसकी आखों में मेरे लिए प्यार साफ-साफ नजर आता! लेकिन उसने भी कभी कुछ नहीं कहा और मै ने भी कभी उससे इस तरह का कोई सवाल नहीं पूछा क्योकि गांव में लड़कियां शहर की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही मान - मरियादा को ध्यान में रखती है!
धीरे-धीरे समय गुजरता गया और हम बड़े हुये उम्र ने अपना मोड लिया और प्यार भी अब एक दूसरे के दिल में अपनी जगह बना चुका थालेकिन जब मै तन्हा होता तो मै इसे अपने मन की एक उम्र की लहर मान कर हमेसा टाल देता।
अब अंकल ने अपनी बेटी को 10th क्लॉस के बाद पढाना बंद कर दिया और उसके लिए लड़का देखने लगे लड़का भी देख लिया शादी की तैयारिया भी होने लगी। तब एक दिन वो मुझे छत पर मिली और उसने मेरे तरफ देखा उसका चेहरा उदास था।
तो मैने उससे पूछा की क्या वह इस शादी से खुश नहीं है। उसने बताया की एसी कोई बात नहीं है लेकिन उसे यहा से जाने का दुख हो रहा है तो मैने भी उसके दिल की बात जानने की कोशिश की तो वो बोली की मुझे ऐसा लग रहा है। pyar ki love story kahani
कि मे अपना बचपन का कोई कीमती तोहफा जो बेहद अमूल्य है उसे छोडकर जा रही हू अब मेरी समझ मै आ गया की मै मेरे दिल मे जिस बात को बहम समझता था वो मेरा इसके लिए प्यार था लेकिन अब वक्त अपनी रफ्तार पर था।
अब
मेरे मन मै करोड़ो
सवाल जन्म ले रहे थे
की मै क्या करूँ
मै निर्णय नहीं ले प रहा
था लेकिन मै अब उससे
ये भी नहीं कह
सका था की मुझे
भी इस बात का
दुख है क्योकि मे
उसे ज्यादा दुख नहीं देना चाहता था और तब
तक मेरे पापा ने नीचे से
आवाज लगा दी की मुझे
बाजार जाना है।
और
मै नीचे आ गया लेकिन
मै ये तो जान
चुका था की वो
मुझसे सच्चा प्यार करती है और उसके
बाद उसकी शादी हो गयी और
वो अपने ससुराल चली गयी जब वो लौट
कर दोबारा घर पर एक
दिन फिर वो छत पर
मिली।
और उसने बताया की वो बचपन से ही उसे बेहद प्यार करती थी लेकिन समझ नहीं पायी की वो उससे केसे कहे तब मैने भी बताया की यही हाल मेरा है।
तब झट
से हम दोनों एक
दूसरे के गले मिले और करीब 10 मिनट तक हम न
जाने किन ख़यालो के समुंदर मै
खोये रहे पता नहीं चला फिर अलग हुये तब दोनों की
अखो मै आसू थे!
आज तक उस प्यार
के एहसास को मै भुला
नहीं पाया।
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तो दोस्तों
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