Maa Ki Mamata - माँ की ममता एक दर्द भरी कहानी !

Maa Ki Mamata - माँ की ममता एक दर्द भरी कहानी ! नमस्कार दोस्तों आज की कहानी एक माँ की ममता की कहानी है जिस माँ ने अपनी सारी खुशियाँ कुर्बान कर अपने बेटे को सफलता के शिखर पर पहुँचाया, जहाँ से उस बेटे को अपनी माँ के बलिदान का एक पल भी याद नहीं आया। 

Maa Ki Mamata

मां के बारे में हमारे धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि भगवान कृष्ण जब वृंदावन से मथुरा जाते थे तो अपनी मां को याद करके बहुत दुखी होते थे। क्योंकि जो प्रेम उन्हें माता यशोदा से मिला, वह प्रेम उन्हें माता देवकी से कभी नहीं मिला। दोस्तों माँ का प्यार क्या होता है ? आइये जानते है माँ की इस दर्द भरी कहानी से। 

Maa Ki Mamata - माँ की ममता एक दर्द भरी कहानी !

अब हम अपनी कहानी पर आते हैं, माँ की ममता की कहानी तुम्हें सुनाता हूं।बात प्राचीन काल की है, एक गाँव में एक परिवार सुख से अपना जीवन व्यतीत कर रहा था, उस परिवार में केवल पति-पत्नी थे। समय बीतता गया, उनके घर में कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ।  

इसलिए हमेशा पति -पत्नी दुखी रहते थे। लेकिन कुछ समय बाद धीरे-धीरे समय चक्र बदल गया। एक दिन उसकी मां के पति को ऐसी बीमारी हो गई कि वह बिस्तर पर लेटने के बाद फिर से उठने की क्षमता खो बैठा। शायद उसे कैंसर था। इसलिए काफी दुबला -पतला एंव कमजोर हो गया।  

Maa Ki Mamata kahani

अब वह मां अपने पति को बीमारी से बचाने के लिए शहर - शहर भागने लगी। हर तरफ से लाचारी  हाथ मिलने पर वह मायूस होकर पति को घर ले आई, घर लाकर पति की हालत धीरे-धीरे बिगड़ती गई, इस दौरान पति को पता चला कि उसकी पत्नी पेट से है।

जब उसने यह बात अपने पति को बताई तो पति ने कहा कि अब उसे मरने  से पहले यह चिंता नहीं है, कि उसके कोई संतान नहीं है, अब यदि मैं मर भी जाऊं, तो यह बच्चा जन्म लेगा और आपके जीवन का सहारा बनेगा और आपके बुढ़ापे की छड़ी बन जायेगा। तुम अपना जीवन बच्चे के साथ व्यतीत करना और यह सब कहकर पति ने अपने प्राण त्याग दिए। 

पत्नी ने पति का अंतिम संस्कार किया लेकिन उसके मन में बहुत दुख था, लेकिन यह कहकर उसने अपने मन को आश्वस्त कर लिया कि उसके पति का प्यार, उसके गर्भ में एक छोटा बच्चा, एक दिन इस दुनिया में जन्म लेगा।

और वह मेरे बुढ़ापे का सहारा बनेगा। अब धीरे-धीरे समय बीतता गया और बच्चे के जन्म का समय आ गया, तब उस माँ ने एक पुत्र को जन्म दिया। माँ अब पूरी तरह से उन पर निर्भर थी और बच्चे का पालन-पोषण करती रहती थी।  धीरे-धीरे अब उनका बेटा 5 साल का हो गया, इसलिए मां ने अपने बेटे को एक स्कूल में पढ़ने के लिए भेज दिया।

माँ की ममता बिलक्षण होती है इसलिए माँ अपने बेटे से बहुत प्यार करती थी माँ अपने बच्चे का दर्द नहीं देख सकती। इसलिए माँ उस बच्चे का दुःख एंव दर्द स्वय उठाती थी। अमीर लोंगो के घरों में काम करके कुछ पैसे बचाती थी।  वह बेटे की हर माँग पूरी करती थी। धीरे-धीरे बेटा बड़ा हुआ और उसने उसे गाँव से बाहर शहर में पढ़ने के लिए भेज दिया। बेटा भी मन लगाकर पढ़ाई करने लगा।

और एक दिन वह एक बड़ा अधिकारी बन गया, जब माँ को इस बात का पता चला, तो वह बहुत खुश हुई, कि उसके जीवन के सभी संकट अब उसके बेटे द्वारा काट दिए जाएंगे। बेटा अब गांव से दूर रहने लगा और आत्मविश्वास से अपना काम करने लगा।

अब उसकी मां गांव में अकेली रह गई थी। धीरे-धीरे समय बीतता गया, नौकरी को अधिक समय देने के कारण बेटे का अपनी माँ के प्रति लगाव भी कम होता गया। और वह अपनी माँ को लगभग भूल चूका था। 

उसे वहां एक लड़की से प्यार हो गया, जब उसने लड़की को अपनी मां के बारे में बताया, तो लड़की ने कहा कि अगर वह यह सब अपनी मां को बताएगा, तो वह हमारी शादी के लिए तैयार नहीं होगी।

इसलिए उसने बिना अपनी मां को बताए शादी कर ली और लड़की ने अपने माता-पिता से मिलकर शादी कर ली। अब वह बेटा अपनी पत्नी के प्यार में इतना फंस गया कि वह अपनी मां के सारे कष्ट भूल गया।

जब उसकी मां को इस बात का पता चला तो उसे बहुत दुख हुआ, लेकिन वह यह सोचकर माँ अपने मन को समझा लेती कि एक दिन उसका बेटा जरूर आएगा। समय बीत रहा था, और माँ भी अब बूढ़ी हो रही थी।  गांव के लोग भी उसे कहने लगे कि उसका बेटा अब कभी नहीं आएगा।

माँ की ममता की पूरी कहानी | Maa ka pyar kahani

लेकिन उस मां के मन में उम्मीद थी कि एक दिन उसका बेटा जरूर आएगा। उधर बेटा पत्नी के प्यार में फंसकर मां को पूरी तरह भूल चुका था, यहां धीरे-धीरे मां भी इतनी बूढ़ी हो गई कि मां को चलने-फिरने में परेशानी होने लगी।  फिर एक दिन उसने गाँव के लोगों को बुलाकर एक पत्र लिखा।

और उसे अपनी अलमारी में सुरक्षित स्थान पर रख दिया और गाँव के लोगों से कहा कि जब उसका बेटा आए, तो उसे यह पत्र दे देना, और बूढ़ी माँ एक दिन अपने बेटे की याद में गुजर गई।

माँ की ममता एक दर्द भरी कहानी !

इधर एक दिन इसी बात को लेकर उनके बेटे और उनकी पत्नी का झगड़ा हो गया। और उसकी पत्नी ने उसे हमेशा के लिए छोड़ दिया। अब बेटे को अपनी मां की याद आई। और एक दिन वह गाँव आया।

गांव में आकर उसे पता चला कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही और लोगों ने उससे बहुत बुरा-भला भी कहा कि तेरी याद में तेरी मां मर गई। तुम्हारे नाम की एक चिट्ठी रह गई है, बेटे ने जब वह चिट्ठी खोलकर देखी तो  तो उस चिट्ठी में मां के उस दर्द भरे जीवन का सारा दर्द लिखा था।

और अंत में लिखा था कि बेटा अगर मेरे कारण से आपके पारिवारिक जीवन में कोई बाधा आती है, तो मैं जीवन भर आपसे अलग रहूंगी । अब बेटे को अपनी माँ के प्यार का एहसास हुआ और उसने अपनी गलती का पश्चाताप किया। कैसे मां का साथ जीवन में अनमोल होता है ? क्योकि माँ का प्यार स्वार्थ रहित होता है। 

निष्कर्ष - तो दोस्तों एक माँ की ममता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता माँ का प्यार निस्वार्थ प्यार होता है और बाकी सभी भाई-बहन का प्यार भी स्वार्थ से अछूता नहीं है। माँ एंव पिता के आलावा दूसरे लोग किसी न किसी स्वार्थ से प्यार करते हैं।

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