शीशम के फायदे और नुकसान | Sheesham ke fayde aur nuksan in Hindi

शीशम के फायदे और नुकसान / Sheesham ke fayde aur nuksan in Hindi  आयुर्वेद के वैज्ञानिकों ने शीशम के पत्तों को औषधि के रूप में प्रयोग कर चमत्कारी चमत्कारों की खोज की है। वैसे तो शीशम की लकड़ी का इस्तेमाल आमतौर पर फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार शीशम के पत्तों का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है।

Sheesham ke Patte ke Fayde

शीशम के पत्ते, शीशम की छाल, शीशम के तेल के प्रयोग से कई प्रकार के रोग दूर होते हैं। सर्दी से लेकर कैंसर तक के रोगों में भी शीशम के पत्ते बहुत फायदेमंद और रामबाण माने जाते हैं। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको शीशम के फायदे और नुकसान के बारे में बतायेंगे। 

शीशम के फायदे और नुकसान | Sheesham ke fayde aur nuksan

दोस्तों आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में शीशम के पत्ते और छाल का प्रयोग प्राचीन काल से औषधि बनाने में किया जाता रहा है। शीशम के पेड़ की पत्तियों, छाल और तेल से कई बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। आप शीशम का तेल अमेज़न से ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
 
अंग्रेजी दवाओं की तुलना में आयुर्वेद की दवाएं किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने में सक्षम हैं। इसलिए शीशम के पेड़ की पत्तियों, छाल और तेल से निम्न रोगों का इलाज किया जा सकता है।

Sheesham ke patte ke fayde | Shisham in hindi

  • कैंसर के इलाज में
  • मुँह के छालों में
  • सर्दी व् जुकाम को ठीक करने में
  • पेट एंव  पाचन सम्बंधी विकारों  में
  • शरीर के किसी भी हिस्से में जलने पर
  • बुखार में
  • एनीमिया में
  • कुष्ठ रोग में एंव चर्म रोग में
  • मूत्र रोग एंव मूत्र सम्बधी विकारों में
  • मासिक धर्म की रूकावट में
  • आमाशय के छालों  में
  • ल्यूकोरिया की शिकायत होने में
  • शरीर की सूजन एंव हड्डी जोड़ने में
  • एसिडिटी एंव गैस रोग में
  • रक्त सम्बधी विकार में
  • सेक्स क्षमता बढ़ाने में
  • दांत में कीड़ा के इलाज में
  • धातु संबधी रोगों  में
  • स्तनों की सूजन में
  • घाव को ठीक करने  में

सर्दी-जुकाम में शीशम के फायदे (Rosewood leaves to cure cold)

सर्दी जुकाम में हम शीशम के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं।  ठंड में शीशम के 10  या 15 पत्तों को एक गिलास पानी में उबाल कर आधा पका लें, जब पानी आधा रह जाए तो छानकर रस निकाल कर सेवन करें। शीशम के पत्तों से सर्दी - जुकाम में तुरंत राहत मिलती है। 
सर्दी -जुकाम को ठीक करने में शीशम

कैंसर के इलाज में शीशम के फायदे (shisham leaves to cure cancer)

शीशम के पत्ते के फायदे cancer me - शीशम को कैंसर रोधी भी माना जाता है। यह कैंसर के इलाज और रोकथाम दोनों में फायदेमंद है। कैंसर रोगियों को सलाह दी जाती है कि शीशम  के दो से चार हरे, ताजे और कोमल पत्तों को खाली पेट चबाएं। इससे कैंसर पेशेंट में काफी बदलाव आता है। परिणाम , कैंसर रोगी जल्दी ठीक हो जाता है।

मुँह के छालों में शीशम के फायदे (In the treatment of mouth ulcers)

अगर मुंह के अंदर छाले हो जाएं तो इसके पत्तों को 10 मिनट तक थूकने से छाले ठीक हो जाते हैं। अगर पेट की गर्मी के कारण मुंह के छाले हो गए हैं तो आप रोजवुड के पत्तों का रस 10 से 20 मिलीग्राम सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक सेवन करें। पहले दिन से ही फायदा होगा। यह सभी प्रकार के अल्सर के लिए रामबाण औषधि है।
 
पेट एंव पाचन सम्बंधी  विकारों में (To treat stomach and digestive disorders)
 
जिन लोगों का लीवर कमजोर होता है, पाचन क्रिया में गड़बड़ी होती है, उन्हें रोज सुबह उठकर खाली पेट शीशम के दो या तीन पत्ते चबाना चाहिए।

शरीर के किसी भी हिस्से में जलने पर (Irritation in any part of the body) 

शरीर के किसी अंग में जलन या जलन होने पर शीशम का तेल सुबह-शाम लगाने से जलन शांत होती है। शीशम के तेल के ठंडे प्रभाव के कारण यह जलन को शांत करता है और जलन वाली जगह भी जल्दी ठीक हो जाती है।
 
बुखार के इलाज में शीशम के फायदे (In the treatment of fever)
30 ग्राम शीशम का एसेंस 200 मिलीग्राम दूध में पकाएं। दूध के गाढ़ा होने पर 10-10 मिलीलीटर सुबह, दोपहर और शाम तीन बार पिलाने से बुखार में आराम मिलता है।

Shisham In the treatment of fever

एनीमिया में शीशम के फायदे (Treatment of anemia)

शीशम के पत्तों का रस 10-15 मिलीलीटर सुबह-शाम सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है। पहले दिन से ही शीशम का रस पीने से चमत्कारी लाभ मिलता है। जिन लोगों का हीमोग्लोबिन कम होता है।

उन लोगों को यह जूस जरूर पीना चाहिए। इसके सेवन से 10 दिन में हीमोग्लोबीन पूरा हो जाता है और एनीमिया से भी छुटकारा मिलता है। शीशम का जूस आप अमेज़न से ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

मूत्र रोग एंव मूत्र विकार में शीशम के फायदे (In urinary diseases and urinary disorders)
 
शीशम के औषधीय गुणों के कारण 20-30 मिलीलीटर शीशम के पत्तों का काढ़ा बनाकर दिन में तीन बार सेवन करने से मूत्र संबंधी सभी विकार दूर हो जाते हैं। और रुका हुआ पेशाब खुलकर आता है।

मासिक धर्म की रूकावट में शीशम के फायदे (Menstrual blockage) 

शीशम के एसेंस का 10 से 15 मिलीग्राम चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने से मासिक धर्म समाप्त हो जाता है। शीशम के पत्तों का काढ़ा 15 से 20 मिलीग्राम की मात्रा में दिन में दो बार लेने से मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
शीशम के फायदे

लिकोरिया में शीशम के फायदे (On the complaint of licorice)
 
शीशम के पत्तों का शीतल प्रभाव होने से मुलेठी में आराम मिलता है। 20 ग्राम मिश्री में शीशम के 10 से 15 पत्ते मिलाकर मिक्सर से अच्छी तरह पीस लें। जब यह जूस जैसा दिखने लगे तो इसे सुबह खाली पेट सेवन करें। एक हफ्ते तक इसका सेवन करने से मुलेठी में शत-प्रतिशत शत-प्रतिशत राहत मिलती है।

रक्त विकारों में शीशम के फायदे (In blood disorders)

शीशम की छाल को छाया में सुखाकर चूर्ण बनाकर एक डिब्बे में रख लें। प्रतिदिन 10-20 मिलीग्राम चूर्ण और 100 मिलीग्राम पानी को उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से रक्त संबंधी विकार दूर होते हैं।

शरीर की सूजन एंव हड्डी जोड़ने में शीशम के फायदे (Body swelling and bone)

इसके अलावा जिसकी हड्डी में फ्रैक्चर हो जाता है, हड्डियों को दोबारा जोड़ने में बड़ी समस्या होती है। इसमें शीशम के पत्तों का लेप बहुत अच्छा माना जाता है। यह लेप हड्डियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कुष्ठ रोगों  के इलाज में शीशम के फायदे (In the treatment of leprosy)
 
कुष्ठ रोग में भी शीशम के पत्तों का उपयोग किया जाता है। शीशम के कोमल पत्तों को पीसकर पानी में डाल दें, फिर नहा लें तो खुजली में बहुत फायदा होता है दोस्तों, आपने सुना होगा कि अगर किसी को चोट लग जाए तो शीशम के पत्तों को पीसकर वहां लगाने से घाव बहुत जल्दी भर जाता है। तुरंत।

एसिडिटी एंव गैस के  इलाज  में शीशम के फायदे (In the treatment of acidity and gas)

शीशम के पत्तों का रस एसिडिटी और गैस को जड़ से खत्म कर देता है और पेट में हमेशा गर्मी, हाथ पैरों में जलन आदि रहता है। शीशम के पत्तों का रस रोगों को पूरी तरह से ठीक करता है।

आमाशय के छालों में शीशम के फायदे (Stomach ulcers)

शीशम के हरे, कोमल पत्तों को रोजाना 15 दिनों तक सुबह खाली पेट चबाने से पेट के छाले ठीक हो जाते हैं। यह पेट के अल्सर के लिए रामबाण आयुर्वेदिक औषधि है। आप चाहें तो इसके कोमल पत्तों का रस निकाल कर सेवन करें। यह बहुत ही असरदार आयुर्वेदिक औषधि है।

दांत में कीड़ा के इलाज में शीशम के फायदे (In the treatment of tooth worms)
 
दोस्तों अगर आपके दांतों में कीड़ा है। अगर दांत लाल और पीले हो गए हैं तो आप शीशम के पेड़ की छाल से अपने दांत साफ कर सकते हैं। इससे आपके दांतों में कीड़ा नहीं लगेगा और पीलापन भी दूर हो जाएगा।

शीशम के फायदे कैंसर इन हिंदी

स्तनों की सूजन में शीशम के फायदे (Swelling of breasts)

शीशम के 10 से 15 पत्तों का काढ़ा बनाकर एक सप्ताह तक सुबह-शाम पीने से स्तनों की सूजन दूर होती है और इसके पत्तों और हल्दी को मिलाकर स्तनों पर लगाने से स्तनों की सूजन दूर हो जाती है।
 
घाव को ठीक करने में शीशम के फायदे (Wound healing)
 
शीशम के पत्तों को पीसकर लेप बनाकर शरीर पर किसी भी प्रकार के घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है। यह घाव के आसपास सूजन और खुजली से भी राहत देता है।

सेक्स क्षमता बढ़ाने में शीशम के फायदे (To Increase Sex Stamina)

अगर आप सेक्स क्षमता को 4 गुना बढ़ाना चाहते हैं तो सुबह उठकर खाली पेट 8 से 10 पत्ते चबाएं, लेकिन पत्तियों को चबाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप जो पत्ते चबा रहे हैं वह बिल्कुल ताजा हो, इसके बाद लगभग 7 दिनों तक इसका इस्तेमाल करने से आपकी सेक्स क्षमता काफी हद तक सुधर जाएगी 

शीशम के फायदे धातु रोग में (In the treatment of metallurgy)

दोस्तों शीशम के पत्तों से हम धातु रोगों से निजात पा सकते हैं। आपको सुबह उठकर खाली पेट 10 या 15 पत्ते लेने हैं, फिर इसे मुंह में चबाकर मिला लें। जब यह पूरी तरह से मिक्स हो जाए तो आप पत्तों को पेट के अंदर ले जा सकते हैं।
 
ऐसा अगर आप रोजाना करते हैं तो इसका फायदा 7 दिनों में नजर आने लगेगा और आपको धातु रोग से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा।

शीशम के नुकसान | Disadvantages of Rosewood

शीशम के फायदे तो कुछ नुकसान भी हैं।  तो आइए जानते हैं इसके सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में। तथा किन लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। 

  • एलर्जी वाले लोग इसका सेवन ना करें
  • गर्भवती महिलाएं  को शीशम के पत्ते का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि उनकी सेहत के लिए यह नुकसानदेह हो सकता है। 
  • इसकी ओवरडोजिंग से भी बचना चाहिए। शीशम के पत्ते एवं बीजों का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। 

FAQs - लोगों द्वारा पूछे जाने वाले कुछ सवालों के जवाब

Q - शीशम की तासीर कैसी होती है?

शीशम के पत्तों की तासीर ठंडी होती है जबकि इसके बीजों की तासीर गर्म होती है ?

Q - शीशम का पेड़ कहां पाया जाता है?

शीशम का पेड़ नदी, तालाबों, एवं सड़कों के किनारे पाया जाता है। 

Q - शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम?

शीशम के पत्तों की तासीर ठंडी होती है ? इसलिए शीशम के पत्तों को पेशाब की जलन एवं मूत्र -विकारों में प्रयोग किया जाता है। 

Q - शीशम का तेल कहां मिलता है ?

शीशम का तेल आयुर्वेदिक के सभी मेडिकल पर उपलब्ध रहता है यहां से आप आसानी से खरीद सकते हैं। 

Q - शीशम के उपयोगी भाग क्या है?

शीशम के उपयोगी भाग पत्ते, छाल, बीज एवं तना है। 


नोट - शीशम के पत्तों से तैयार पाउडर बाजार में सभी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है। आप चाहें तो इसे Amazon से ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

तो दोस्तों यह आर्टिकल  "शीशम के फायदे और नुकसान / Sheesham ke fayde aur nuksan in Hindi "आपको कैसा  लगा कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख मददगार लगा हो तो कृपया इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। शुक्रिया!
 
तो फिर मिलेंगे दोस्तों कोई नया  Health से संबन्धित आर्टिकल  लेकर तब तक के लिए अलविदा। 

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